Traditional Marketing Vs Digital Marketing in Hindi

Traditional Marketing Vs Digital Marketing

दोस्तों,

            मॉर्केटिंग किसी भी ब्यापार का अहम हिस्सा होता है। किसी भी कम्पनी और ब्रांड्स के लिए मॉर्केटिंग का मुख्य उद्देश्य Profit कमाना होता है। किसी भी प्रोडक्ट और सर्विस की मॉर्केटिंग करने से पहले मॉर्केटिंग के सही तरीकों को जानना जरूरी होता है।आज के समय मे कौन सा तरीका मॉर्केटिंग के लिए अच्छा है ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग या डिजिटल मॉर्केटिंग । आगे बिस्तार से हम चर्चा करेंगे।

Traditional Marketing क्या है ?

यह मॉर्केटिंग का पुराना तरीका है इसे हम हिन्दी मे पारंपरिक या परम्परागत मॉर्केटिंग भी कहते हैं। पारम्परिक मॉर्केटिंग किसी भी प्रकार के मॉर्केटिंग को संदर्भित करता है जो ऑनलाइन नही है।इसका मतलब टेलीविज़न विज्ञापन , रेडियो विज्ञापन, समाचार पत्र, होर्डिंग,आउटडोर विज्ञापन,, ब्रोसर,रोड शो,इंवेंट स्पॉन्सरशिप,रेफ़रल आदि मॉर्केटिंग का तरीका लक्षिक दर्शको तक पहुचाने में मदद करता है।

1990 के दशक में  ऑनलाइन इन्टरनेट का ज्यादा चलन नही था , उस समय ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग ही लोकप्रिय माध्यम था, क्योंकि उस समय टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा विकसित नही हुई थी इसलिए उस समय ये सभी कारगर तरीका था। मॉर्केटिंग करने के लिए जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी में बदलाव होते गए उसके साथ मॉर्केटिंग करने के तौर तरीकों में भी वदलाव आने लगा जो कि  फैलाते जा रहा है ।

जैसा कि आप आज के नए युग टेक्नोलॉजी के इस जमाने को देख रहे होंगे उसी से डिजिटल मॉर्केटिंग का जन्म हुआ है और ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग पुराने दौर से चलती मॉर्केटिंग टेकनीक जिसको काफी सारे बिज़नेस मैन अभी भी अपना रहे हैं ,पर वह ज्यादा समय तक टिकनेवाली मॉर्केटिंग टेकनीक नही है।

              ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग के लाभ/फायदा:-

  • पारम्परिक विपणन प्रचार के रूप को संधरभित करता है अब डिजिटल मॉर्केटिंग में परिवर्तित हो चुका है।
  • ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग पुराने दौर या पुराने समय में कई जाने वाली व्यापार की मॉर्केटिंग का तरीका था और आज के युग मे डिजिटल मॉर्केटिंग अपने धीरे-धीरे पैरजो दर्शकों तक Offline पहुँचता है। कंपनियां अपने दर्शकों को जोड़ने और अपनी पहुंच को व्यापक बनाने के लिए मॉर्केटिंग चैनलों जैसे प्रिंट, ब्रॉडकास्ट, टेलीमार्केटिंग या डायरेक्ट मेल का उपयोग करती है।
  • पारम्परिक विज्ञापन में निवेश करने वाली कंपनियां सफल मॉर्केटिंग अभियानों को तैयार करने में काफी समय और रचनात्मक खर्च करती है जो पर्याप्त राजस्व उत्पन करते हैं। हालांकि कई उद्योगों में पारंपरिक मॉर्केटिंग को डिजिटल मॉर्केटिंग ने ग्रहण कर लिया है, फिर भी यह आपके ब्रांड को बढ़ावा देने में प्रभावी है । इसके अलावा ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग बड़े दर्शको तक पहुंचने के ऐसे अवसर प्रस्तुत करता है जो डिजिटल मॉर्केटिंग नही कर सकते।
  • आप अपने स्थानीय दर्शको से जुड़ सकते है ,ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग स्थानीय दर्शको तक पहुँचने और व्यक्तिगत स्तर पर ग्राहकों के साथ बातचीत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के उपभोक्ता के पहले से कहीं ज्यादा रिश्तों पर भरोसा करते हैं। वे ऐसे व्यवसायों का चलन करेंगे जो उन्हें लगता है कि उनकी भलाई और जीवन मे वास्तविक रुचि है।
  • समाचार पत्र विज्ञापन ,स्थानीय टीभी विज्ञापन या होर्डिंग जैसी पारम्परिक रणनीतियां आपकी कम्पनी को आपके समुदाय और उसके ग्राहक आधार के केन्द्र में रखती है।नतीजन अपने लक्षित दर्शको तक पहुंचने के आपके प्रयास अधिक जैविक और कम कॉर्पोरेट महसूस करते है।
  • ट्रेडिशनल मार्कर्टिंग में प्रचार सामग्री टिकाऊ  है और दर्शको के साथ एक लंबी छाप छोड़ते है। 
  • ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग विष्वसनीयता स्थापित करता है।मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से ,पारम्परिक मॉर्केटिंग एक कंपनी का ऑनलाइन मॉर्केटिंग की तुलना में अधिक विश्वसनीयता प्रदान करती है।मुद्रित सामग्री और बड़े माध्यमो पर विज्ञापनों विज्ञापनों को अक्सर अधिक भरोसे मंद माना जाता है। 
  • आप अधिक विविध स्रोताओं तक पहुँचते है। यदि आप एक छोटे व्यवसाय के स्वामी है तो अधिक विविध दर्शकों तक पहुंचनी वास्तव में आपके व्यवसाय को बढ़ने में मदद मिल सकती है। इसलिए संभावित ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

           ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग , मॉर्केटिंग करने का पुराना तरीका है ,जिसको करके काफी सारे व्यापारी ने व्यापार का विज्ञापन किया करते है ,इस 17 कि शतक से चली आ रही है,मॉर्केटिंग टेकनीक जो भी धीरे धीरे करके कम होती जा रही है । मॉर्केटिंग में धीरे-धीरे बदलाव आ रहे हैं और आज टेकनोलॉजी इस पर भारी पर रही है।

Traditional Marketing का मुख्य तरीका :–

 
 
  • टी o भी विज्ञापन
  • रेडियो विज्ञापन
  • समाचार पत्र
  • होर्डिंग
  • ब्रोसर
  • रोड शो
  • इंवेंट स्पॉन्सरशिप
  • रेफ़रल 
  • आउटडोर विज्ञापन

Digital Marketing क्या है ?

डिजिटल मॉर्केटिंग , मॉर्केटिंग का आधुनिक तरीका है, इसमें मॉर्केटिंग डिजिटल यानी इलेक्ट्रिक उपकरणों या साधन जैसे- इन्टरनेट, कंप्यूटर ,लैपटॉप,मोबाइल फ़ोन ,वेबसाइट आदि का इस्तेमाल कर मॉर्केटिंग करना डिजिटल मॉर्केटिंग कहलाता है। डिजिटल मॉर्केटिंग नये ग्राहको तक पहुँचने का सरल एवं सशक्त माध्यम है।

अपने बिज़नेस को डिजिटल बनाना और डिजिटल ले जाना आज एक अहम जरूरत बन चुकी है।पूरी दुनिया Digital और online बनती जा रही है। आज इन्टरनेट एक बाजार बन चुका है भारत का ही नही बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार जहाँ से दुनिया का कोई भी व्यक्ति अपने सामान और सर्विस को बेच व खरीद सकता है जिसके लिए Digital Marketing सबसे अहम भूमिका निभाती है क्योंकि डिजिटल मार्कर्टिंग के बिना आज किसी भी बिज़नेस को सफल बनना असंभव सा लगता है

और इसका सबसे बड़ा उदाहरण वह कंपनी है जो केवल online Business करती है और केवल online ही अपने प्रोडक्ट और सर्विस बेचती है।अगर आप सोशल मीडिया फेसबुक ,यू-ट्यूब आदि पर अलग अलग कंपनियों के विज्ञापन जरूर दिखाई दिये होंगे जिसके द्वारा ब्यापारी अपना उत्पाद ग्राहक को दिखाता है।यही डिजिटल मॉर्केटिंग होती है। 

एक कहावत है “जो दिखता है वो बिकता है”।

लोगो के लिए अपने घरों से बाहर पैर रखे बिना इन्टरनेट से आवश्यक कुछ भी खरीदना अविश्वसनीय रूप से सुविधा जनक है। यह समय बचाता है और एक व्यक्ति को लोगो द्वारा छोड़ी गई विभिन्न समीक्षाओं को दिखाता है। एक व्यक्ति आसानी से कई वेबसाइटों पर कीमतों की तुलना कर सकता है और चुन सकता है जो उनकी आवश्यकताओ के लिए सबसे उपयुक्त है।

डिजिटल मॉर्केटिंग के पाँच आधार:–

  • डिजिटल प्लेटफार्म
  • डिजिटल चैनल
  • डिजिटल मीडिया
  • डिजिटल टेक्नोलॉजी
  • डिजिटल अनलीटिक्स
Types of Digital Marketing: –

डिजिटल मॉर्केटिंग का मुख्य तरीका :-

आज के समय में कौन सा तरीका मॉर्केटिंग के लिए अच्छा है ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग या डिजिटल मॉर्केटिंग।आगे हम चर्चा करेंगे।

डिजिटल मॉर्केटिंग का निम्नलिखित तरीका (Types) है:-

  • SEO
  • कॉन्टेंट मॉर्केटिंग
  • इनबाउंड मॉर्केटिंग
  • सोशल मीडिया मॉर्केटिंग
  • PPC
  • एफिलिएट मॉर्केटिंग
  • E-mail मॉर्केटिंग
  • मॉर्केटिंग ऑटोमेशन


         SEO:-

Search Engine Optimization का मतलब होता है अपनी वेबसाइट को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ करना ताकि वह सर्च रिजल्ट में टॉप पर रैंक करें। इसका मुख्य उध्देश्य ऑर्गेनिक ट्रैफिक बढ़ाना होता है।सर्च इंजन ऑप्टिमैजेसन (SEO)  एक ऐसा तरीका हैं। जो आपकी वेबसाइट के सर्च इंजन के result को सबसे ऊपर लेकर आता हैं। जिससे दर्शकों और ग्राहकों की संख्या बढ़ती हैं।

इसके लिए हमें अपनी वेबसाइट को कीवर्ड और SEO guidelines के अनुसार बनाना होता हैं।अगर आप सर्च इंजन के द्वारा अपने ब्लॉग पर बहुत सारा ट्रैफिक  या कस्टमर पाना चाहते है तो आपको सर्च इंजन -ऑप्टिमैजेसन (SEO)का पूरा ज्ञान होना बहुत जरुरी है। साथ ही आपको आपकी वेबसाइट गूगल के दिए SEO गाइड लाइन के मुताबिक बनानी पड़ेगी ताकि अच्छी खासी ऑर्गनिक ट्रैफिक  आपके पर  आ सके.

    जो भी आप पढ़ते हैं वो सब कंटेंट कहलाता हैं। जिससे ग्राहक प्रोडक्ट के बारे सभी जानकारी अच्छी तरह समझ सकते हैं। अगर आपका कंटेंट ग्रहक को पसंद आता हैं, तो ज्यादा चांस होते हैं की वह आपका प्रोडक्ट खरीदेगा। जब भी आप अपने किसी प्रोडक्ट के लिए कुछ Content लिखे, तो उसके बारे में सभी बारीक़ जानकारी होनी चाहिए इससे customer का विश्वास बढ़ता हैं। कंटेंट मार्केटिंग में ऑडियो, वीडियो और लिखना कंटेंट होता हैं। लिखित कंटेंट को हम अखबार मे भी प्रकाशित करवा सकते हैं। वीडियो कंटेंट को हम यूट्यूब पर डाल सकते हैं।

 टार्गेटेड ऑडियन्स के लिए कॉन्टेंट मॉर्केटिंग बनाना ताकि ब्रांड जागरूकता पैदा किया जा सके। ट्रैफिक बढ़ाया जा सके,लीड पैदा की जा सके आदि।

  • Inbound Marketing :–

यह सोशल मीडिया , ब्रांडिंग,कॉन्टेंट मॉर्केटिंग आदि के माध्यम से संभावित ग्राहकों को आपकी कम्पनी खोजने में सहायता करने की प्रक्रिया है। इसमें ग्राहकों को आकर्षित करना , परिवर्तित करना और प्रसन्न करना शामिल है।

  1. Social Media Marketing :- (S M M)-

            सोशल मीडिया बहुत सारे वेबसाइट Platform से मिलकर बना होता हैं। जैसे Facebook, Youtube Twitter, Instagram, LinkedIn इत्यादि। सोशल मीडिया से कोई भी व्यक्ति अपने विचारों को लाखों लोगों के सामने रख सकते हैं। हम सब सोशल मीडिया के बारे में जानते हैं। जब हम सोशल मीडिया साइट देखते हैं तो इस पर कुछ-कुछ समय पर हमे विज्ञापन दिखाते हैं यह Ads के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा हैं।Social Media Marketing एक प्रकार की मार्केटिंग रणनीति है। जो कि इंटरनेट मार्केटिंग का ही एक हिस्सा है।

जहां किसी भी ब्रांड या उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म पर विभिन्न प्रकार की सामग्री साझा की जाती है, जिसमें वीडियो, इन्फोग्राफिक, ऑडियो, ब्लॉग पोस्ट आदि शामिल हैं।

 यह फ़ेसबुक ,ट्विटर,इंस्टाग्राम, लिंकडिन, स्नैपचैट आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपके ब्राण्ड को बढ़ावा देने की प्रक्रिया है। इसमें ब्राण्ड जागरूकता पैदा करने, ट्रैफिक लाना और लीड पैदा करने में मदद मिलती है।

  • P P C-Pay Per Click :–

  यह एक विज्ञापन मॉडल है जिसका उपयोग आमतौर पर वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए किया जाता है। इसमें जितने क्लिक आपके विज्ञापन पर आते है उसी हिसाब से भुगतान करना पड़ता है।

  • E -mail marketing :–

    ई-मेल मॉर्केटिंग ग्राहकों को डिस्काउंट, नए प्रोडक्ट के बारे में ऑफर आदि से संबंधित जानकारी टारगेटेड ऑडिएंस को ई-मेल भेजकर प्रमोशन करने का एक तरीका है।

ईमेल मार्केटिंग से कंपनी ग्राहकों को ईमेल के माध्यम से प्रोडक्ट की जानकारी भेजती है। इसके साथ साथ  इसमें प्रोडक्ट की पूरी डील्स और ऑफर्स भी उपलब्ध कराई जाती है।

आजकल हम कोई भी information को साझा करने के लिए ईमेल का इस्तेमाल करते हैं। ई-मेल से हम किसी भी कंपनी के products को ईमेल के द्वारा पहुंचाना ईमेल मार्केटिंग कहलाता हैं। ईमेल मार्केटिंग हर कंपनी के लिये जरूरी हो गए हैं क्योंकि कंपनी समय-समय पर नये प्रस्ताव और कुछ मुफ़्त प्रलोभन ग्राहकों को देती हैं जिससे उनका पुराना customer वापस आकर कोई ना कोई प्रोडक्ट खरीद ही लेता हैं। इसके लिए ईमेल मार्केटिंग एक सही तकनीक हैं।

  इसमे कंपनी अपने प्रोडक्ट और सर्विस को प्रमोट करने के लिए प्रमोट करने वाले को कुछ प्रतिशत कॉमिशन देती है।डिजिटल मार्केटिंग मे हम किसी और के Product का विज्ञापन अपनी वेबसाइट, ब्लॉग या लिंक के माध्यम से कर सकते हैं। अगर कोई आपके लिंक से कोई भी product खरीदता हैं। तो जिस कंपनी का आप विज्ञापन कर रहे हैं। वो आपको कुछ direct commission देते हैं जो 5% से लेकर 50% तक का भी हो सकता हैं। ये % कंपनी तय करती हैं। यह मार्केटिंग Strategy आपको एक अच्छी आय का साधन बन सकता हैं। इसे ही अफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता हैं।

  • Marketing Automation :

 यह एक सॉफ्टवेयर है जिसे विभिन्न प्लेटफॉर्मो पर प्रभावी तरीको से मॉर्केटिंग कार्यो को करने वाले कार्यो को स्वचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

Traditional Marketing एवं Digital Marketing में अंतर :-

दोस्तों ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग और डिजिटल मॉर्केटिंग में मुख्य अंतर माध्यम का है।जहाँ ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग में ट्रेडिशनल मीडिया जैसे न्यूज़पेपर,पोस्टर,बैनर आदि द्वारा मॉर्केटिंग की जाती है वही डिजिटल मॉर्केटिंग में डिजिटल मीडिया जैसे सोशल मीडिया,वेबसाइट द्वारा मॉर्केटिंग की जाती है।

  • ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग का तरीका पारम्परिक है जबकि डिजिटल मॉर्केटिंग का तरीका आधुनिक है।
  • ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग महँगा पड़ता है ,टी  बी और न्यूज़पेपर पर विज्ञापन की लागत 50 हजार से लेकर लाखो रुपये तक होती है। जबकि डिजिटल मॉर्केटिंग सस्ता पड़ता है ,आप 100 रुपया में भी अपना विज्ञापन ऑनलाइन इन्टरनेट पर चला सकते है।
  • ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग में ब्रान्ड नाम बनाने में काफी समय लग सकता है। जबकि डिजिटल मॉर्केटिंग में ब्राण्ड नाम जल्दी बन जाता है।
  • ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग में लिमिटेड ऑर्डिएन्स होते है। जबकि डिजिटल मॉर्केटिंग डिजिटल मॉर्केटिंग में टार्गेटेड ऑर्डिएन्स होते है
  • ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग के कुछ ही साधन होते हैं। जबकि डिजिटल मॉर्केटिंग के बहुत सारे साधन मिल जाएँगे।
  • ट्रेडिशनल मॉर्केटिंग  में परिणाम को अनैलेसिस करना मुश्किल होता है।जबकि डिजिटल मॉर्केटिंग में परिणाम को अलग-अलग टूल्स की मदद से Analysis कर सकते हैं।

निष्कर्षतः      Conclusion                                                                                                                                           यह कहा जा सकता है कि वर्तमान समय मे डिजिटल मॉर्केटिंग ब्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। डिजिटल आनेवाला कल है और आने वाले Trend है। Trend की खासियत होती है कि जो इसमें पहले उतरता है ,वह बहुत पैसा कमाता है। डिजिटल मॉर्केटिंग पैसे कमाने का जरिया बन चुका है। आज की तकनीकी रूप से उन्न्त दुनिया में डिजिटल मॉर्केटिंग उत्पादों को बढ़ावा देने और बेचने का नया तरीका है। डिजिटल मॉर्केटिंग सरल, सस्ता,और सशक्त माध्यम है।यह उद्योग के लिए एक बड़ा वरदान है।

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उम्मीद है आपको Traditional Marketing और डिजिटल मार्केटिंग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी. और आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। 

धन्यवाद। 

महेश कुमार मौना , MKM Digital

मोबाइल नम्बर – 07654073422 

वेबसाइट – www.mkmdigital.com

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6 thoughts on “Traditional Marketing Vs Digital Marketing in Hindi”

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